तू ने ये हरसिंगार हिला कर बुरा किया पांवों की सब जमीन को फूलों से ढंक दिया.
तू कितनी अच्छी है,
तू कितनी प्यारी है
ओ मां!
ओ मांबढ़िया अभिव्यक्ति पूर्ण रचना बधाई. लिखते रहिये .
ओ मां
ReplyDeleteबढ़िया अभिव्यक्ति पूर्ण रचना बधाई. लिखते रहिये .